Menu
blogid : 9493 postid : 840115

अन्ना जी के दोनों चेले

kavita
kavita
  • 66 Posts
  • 1620 Comments

अन्ना जी के दोनों चेले

अन्ना जी के दोनों चेले,
आपस में कर रहे झमेले
राजनीति है गहरा दलदल,
इसमें केवल है कल-बल-छल

जिसमें खम है वही धकेले,
अन्ना जी के दोनों चेले|

दिल्ली दिल अब किसको देगी
बदले में किससे क्या लेगी,
प्रीत-प्रेम के पावन मेले,
अन्ना जी के दोनों चेले
आपस में कर रहे झमेले|

इधर केजरी उधर किरण है,
सकते में पड़ गयी हिरण है
दिल्ली अब किस-किस को झेले,
अन्ना जी के दोनों चेले
आपस में कर रहे झमेले|

हैं उदास रालेगण वाले,
सभी आ गए जड़कर ताले
गुरु जी अब पड़ गए अकेले
अन्ना जी के………..|

सबके अपने-अपने दावे
अपना मुँह अपने गुण गावे
अजब गजब हैं ये अलबेले,
अन्ना जी के……….|

खाली दिल्ली की कुर्सी है
दीदी फिर से आ हुलसी है,
जन -गण -मन में प्रीत उड़ेले
अन्ना जी के………|

एक फूल है एक खार है,
इधर प्यार है उधर मार है
जिसको जी चाहे जो लेले,
अन्ना जी के दोनों चेले ,
आपस में कर रहे झमेले |
आचार्य विजय गुंजन

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply