Menu
blogid : 9493 postid : 846739

दिल्ली वालो

kavita
kavita
  • 66 Posts
  • 1620 Comments

जाति-पाति मज़हब में फंस
निज गला न लेना घोट!
सोच समझकर दिल्ली वालो!
देना अबकी वोट!!
आयेंगे फिर वही पुराने
राग अलापेंगे,
आश्वासन के चिकुड़ जाल में
फिर से फाँसेंगे
करे- धरेंगे नहीं कभी कुछ
इनके मन में खोट!
सोच समझकर दिल्ली वालो
देना अबकी वोट!!
अलग अलग दल भले मगर
ये रखें एक ही सोच
अवसर मिलते ही जनता के
तन को लेते नोच!
समय मिला है फिर तुमको
मत के सोटों से सोंट !
सोच समझकर दिल्ली वालो
देना अबकी वोट!!
तरह तरह के रूप धरेंगे
ये मायावी लोग
रह-रहकर ये स्वांग रचेंगे
और करेंगे ढोंग
भूल हुई इस बार अगर
खाओगे गहरी चोट!
सोच समझकर दिल्ली वालो
देना अबकी वोट!!
—- आचार्य विजय गुंजन

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply